स्त्रोत: द प्रिंट/कॉमन्स

बीएचयू के छात्रों और पूर्व छात्रों के भारी विरोध के बाद बीएचयू प्रशासन ने मेरिट के आधार पर परीक्षा कराने का प्रस्तावित फैसला रद्द कर दिया है। बीएचयू के सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय के तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में लिखा गया है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षाएं 16 से 31 अगस्त 2020, के बीच प्रस्तावित की गई है।

हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इन तिथियों पर प्रवेश परीक्षाएं, कोविड-19 की तब की स्थिति के मद्देनजर भारत सरकार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों के आधार पर ही कराई जाएंगी। यह फैसला कुलपति प्रो. राकेश भटनागर की एक उच्च स्तरीय अध्यक्षता में हुआ। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभ्यर्थियों से अपील किया है कि प्रवेश परीक्षा से जुड़ी जानकारी के लिए नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइट देखते रहे।

BHU World ने सोशल मीडिया पर चलाया अभियान

बीएचयू के छात्रों द्वारा संचालित BHU World ने रविवार और सोमवार को #Bhuentrance2020 और #Iopposemeritbasedexaminbhu के नाम से हैशटैग चलाया, जो बच्चों के द्वारा हजारों की संख्या रिट्वीट व ट्वीट किया गया।

BHU World का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से विविध सामाचार पत्रों में कला संकाय प्रमुख प्रो. रामकली सराफ के बयान के साथ , बीएचयू में मेरिट बेस्ड दाखिला की बात छपी है। जिस देश में दर्जनों राज्यस्तरीय व केंद्र स्तरीय बोर्ड परीक्षा के पाठ्यक्रम, शिक्षा पद्धति व मूल्यांकन पद्धति में असमानताएं हों,वहां परीक्षा में प्राप्त प्राप्तांकों को एक समान कैसे माना जा सकता है? आपको ज्ञात होगा कि इन्हीं असमानताओं के कारण बीएचयू में हमेशा से प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही दाखिला हो रहा है।

BHU World का यह भी कहना है कि हमारा सत्र भले शून्य घोषित हो जाए लेकिन, हम मेरिट की जगह प्रवेश परीक्षा से ही दाखिला देने के पक्ष में है।

इस अभियान में बीएचयू के छात्र सूरज भरद्वाज, यशवंत सिंह, आशुतोष राय ,अभय प्रताप,रजत और शिवेंद्र के नेतृत्व मे सैकड़ों.स्त्रोत: छात्रों का सोशल मीडिया का आंदोलन सफल हो पाया, जब बीएचयू ने प्रेस रिलीज़ करके प्रवेश परीक्षा की तारीक प्रस्तावित की।

क्या है मामला

कोविड-19 को देखते हुए इस बार बीएचयू प्रवेश परीक्षा की जगह मेरिट के आधार पर दाखिला लेने पर विचार कर रहा था। परीक्षा नियंता कार्यालय ने 15 जून को बैठक कर कुछ प्रस्ताव बनाए थे। इस प्रस्ताव पर कला संकाय प्रमुख प्रो.रामकली सराफ ने सहमति जताई थी। प्रस्ताव के मुताबिक स्नातक में दाखिला 12 वीं के नम्बर और स्नातकोत्तर में दाखिला स्नातक के अंक के आधार पर लिए जाने पर विचार चल रहा था। 30 जून को कुलपति के अध्यक्षता में बैठक में निर्धारित किया गया कि मेरिट के आधार पर दाखिला नहीं होगा। प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला होगा, जिसकी प्रस्तावित तिथि 16 से 31 अगस्त के बीच तय की गई है। इस बीच, छात्रों को जब इस खबर के बारे में पता चला,तो छात्रों ने प्रस्तावित फैसले के खिलाफ सोशल मीडिया पर विरोध अभियान चलाया।