बिहार इस समय एक साथ दो समस्याओं को झेल रहा है। एक कोरोना के दूसरा बाढ़। ये दोनों आपदाएं बिहार के लिए आफत बनकर आई हैं। भष्ट्राचार मुक्त बिहार की बात करने वाले नीतीश कुमार की पोल गोपालगंज में 29 दिन पुराने पुल का एक हिस्सा बह जाने के बाद खुल गई है। एक महीने पहले ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विडियो कांफ्रेंसिग के जरिए इस पुल का उद्घाटन किया था। लेकिन 264 करोड़ रूपये की लागत खर्च होने के बाद भी यह पुल बिहार की एक बरसात भी नहीं झेल पाया। इस पुल का निर्माण बिहार सेतु निगम द्वारा किया गया था। इस पुल को बनने में 8 साल लगे थे।

यह पुल गोपालगंज को चंपारण से और इसके साथ तिरहुत के कई जिलों को जोड़ता था। गोपालगंज में बुधवार को तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी का बहाव था। बढ़े जलस्तर को पुल का एक भाग झेल नहीं पाया।

तेजस्वी ने किया ट्वीट

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और RJD तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा “8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया। ख़बरदार!अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो?263 करोड़ तो सुशासनी मुँह दिखाई है। इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते है। 263 करोड़ से 8 साल में बना लेकिन मात्र 29 दिन में ढ़ह गया पुल। संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश जी इस पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे और ना ही साइकिल से रेंज रोवर की सवारी कराने वाले भ्रष्टाचारी सहपाठी पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे। बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है।”