कोरोना वायरस की महामारी के कब्जे में पूरी दुनिया है हर देश इस वायरस से निपटने के लिए अपने स्तर पर बचाव करने में लगा है जिस कारण भारत भी ढाई महीने से पूरी तरह से लॉक डाउन की स्थिति में था लॉकडाउन के कारण पूरे देश में अफरा तफरी मच गई।
Pm केयर्स फंड का निर्माण
लॉकडाउन के बाद कोरोना के जंग से लड़ने के लिए प्राइम मिनिस्टर सिटीजन असिस्टेंट एंड रिलीफ एमरजैंसी सिचुएशन फंड (PM CARES FUND) की शुरुआत हुई। जहां कोई भी कितनी भी राशि सरकार को इस महामारी से लड़ने के लिए डोनेट कर सकता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि यह राशि आपदा प्रबंधन क्षमताओं की ताकत बनेगी और नागरिकों की रक्षा के अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगी। परंतु पीएम केयर्स फंड की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे की इसका पैसा किस क्षेत्र में कितना खर्च हो रहा है?
दरअसल बॉम्बे हाई कोर्ट में एक बार फिर पीएम केयर्स फंड को लेकर वकील अरविंद वाघमरे द्वारा याचिका दायर की गई जिसमें पीएम केयर्स फंड के संबंध में सूचनाएं सार्वजनिक करने और इसका कैग से ऑडिट कराने की मांग की गई। याचिका में कहा गया कि 28 मार्च को पीएम किसका गठन किया गया था और पहले हफ्ते में ही 6,500 करोड़ रुपए इकट्ठा हो गए थे लेकिन अभी इससे संबंधित कोई भी आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया गया है। याचिका में यह भी कहा गया कि पीएम केयर्स फंड की गाइडलाइन के अनुसार अध्यक्ष और 3 अन्य ट्रस्टी के अलावा अध्यक्ष को तीन और ट्रस्टी को नॉमिनेट करना होता है लेकिन 28 मार्च से अब तक कोई नियुक्ति नहीं की गई है और याचिकाकर्ता ने यह मांग की है की ट्रस्ट में विपक्षी दलों के कम से कम 2 लोगों की नियुक्ति की जाए ताकि पीएम फंड की पारदर्शिता बनी रहे।
केंद्र सरकार ने याचिका खारिज करने का अनुरोध किया
इस याचिका की सुनवाई के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को मंगलवार को नोटिस भेजा। और केंद्र सरकार ने इस याचिका को खारिज करने का अनुरोध किया है। इसके पहले भी दो अलग-अलग याचिकाएं खारिज की जा चुकी हैं।
विपक्षी पार्टी ने सवाल उठाया पीएम केयर्स फंड को लेकर
पीएम केयर्स फंड को लेकर विपक्षी पार्टी ने भी सवाल उठाया है इसके बाद कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की गई। दरअसल दावा किया जा रहा है कि 11 मई को कांग्रेस पार्टी की ओर से गलत दावे के साथ केंद्र सरकार पर झूठे आरोप लगाए गए इसमें प्रधानमंत्री केयर फंड पर किए गए ट्वीट से लोगों के बीच में गलत जानकारियां पहुंचाई गई। यह शिकायत 11 मई को ही की गई थी परंतु शिवमोगा पुलिस ने अब एफ आई आर दर्ज की है। शिकायत कर्नाटक में रहने वाले एक शख्स ने की। शिकायत करने वाला बीजेपी के कार्यकर्ता होने के साथ-साथ एक वकील भी है शिकायत में लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया गया था। सोनिया गांधी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 505 के तहत यह एफ आई आर दर्ज की गई FIR में अपील की गई कि सोनिया गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
दरअसल केंद्र सरकार पीएम फंड को लेकर कोई भी जानकारी सांझा नहीं कर रही है और इसे लेकर जितनी भी याचिकाएं दायर की जा रही हैं सबको खारिश कर दिया जा रहा है। पीएम फंड कोई पब्लिक अथॉरिटी नहीं है इस आधार पर सभी आवेदनों को खारिज कर दिया गया है।