मार्क ज़ुकरबर्ग और मुकेश अंबानी

राहुल मिश्रा
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फेसबुक ने रिलायंस जिओ प्लेटफार्म में करीब 10 फीसदी की हिस्सेदारी के लिए करीब 5.7 अरब डॉलर निवेश किया है। जिओ से पहले फेसबुक ने 2012 में इंस्टाग्राम और 2014 वाट्सएप को खरीदा चुका है। इस निवेश के बाद रिलायंस रिटेल देश की पांचवीं सबसे बड़ी इ कामर्स कम्पनी हो जाएगी।
रिलायंस जिओ और फेसबुक का यह करार ऐसे समय में हो रहा है जब पूरा विश्व कोरोना से जूझ रहा है और आर्थिक गतिविधियां ठप्प हैं।

क्या है इस करार में

इस करार के तहत फेसबुक को जिओ प्लेटफार्म के बोर्ड में एक सीट दी जाएगी और साथ ही एक सीट पर्वेक्षक की भी दी जाएगी। पर्वेक्षक के तौर पर फेसबुक को वोटिंग का अधिकार नहीं होगा।
व्हाट्सप्प रिलायंस रीटेल के इ कॉमर्स प्लेटफार्म जिओ मार्ट के लिए एक चैट इंटरफ़ेस बना रहा है जिसके तहत ग्राहक सामान आर्डर कर सकते है और किराना दुकानदार उन तक सामान पंहुचा सकते है। इसके लिए ग्राहक को अलग से जिओ मार्ट डाउनलोड करने की जरूरत नहीं होगी और परिमाण स्वरुप जिओ मार्ट एक झटके में व्हाट्सप्प के 40 करोड़ उपभोक्ताओं से जुड़ जाएगा। इस गठजोड़ से देश के 2 करोड़ से भी अधिक छोटे दुकानदारों तथा रेस्टोरेंट को जोड़ा जाएगा लेकिन सबसे ज्यादा जोर किराना की दुकानों पर रहेगा,हालांकि अभी इस डील के आकार लेने में अभी 2 साल तक का वक्त लग सकता है। इस गठजोड़ से फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी अनलाइन विक्रेता कंपनियों पर प्रभाव पड़ेगा।

जिओ सिमकार्ड

इस करार के बाद भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां दोनों कम्पनियों की प्रतिस्पर्धा चलती रहेगी। जिओ का अपना खुद एक चैट प्लेटफार्म है साथ ही डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र रिलायंस पहले से मौजूद है वहीं फेसबुक को अभी डिजिटल पेमेंट की मंजूरी नहीं मिली है।

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