केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि अध्यादेशों के विरोध में प्रदेशभर के किसानों ने गुरुवार को जोरदार प्रदर्शन किया। रोक के बावजूद पिपली में किसान बचाओ मंडी बचाओ रैली के लिए बड़ी संख्या में किसान, व्यापारी और मजदूर पहुंचे तो उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने पुलिस पर पथराव कर दिया।
किसान विरोध क्यों कर रहे हैं?
पहले अध्यादेश के अनुसार, अब व्यापारी मंडी से बाहर भी किसानों की फसल खरीद सकेंगे। पहले किसानों की फसल को सिर्फ मंडी से ही खरीदा जा सकता था। वहीं केंद्र ने अब दाल, आलू, प्याज, अनाज, इडेबल ऑयल आदि को आवश्यक वस्तु के नियम से बाहर कर इसकी स्टॉक सीमा खत्म कर दी है। इन दोनों के अलावा केंद्र सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग को बढ़ावा देने की भी नीति पर काम शुरू किया है, जिससे किसान नाराज हैं।
अमर उजाला खबर के अनुसार हरियाणा सरकार ने पिपली में प्रस्तावित किसान बचाओ मंडी बचाओ रैली पर रोक लगा दी थी। पुलिस ने सभी जिलों में रैली में शामिल होने जा रहे किसानों को रोकने एका प्रयास किया गया। इसके बावजूद भारी संख्या में किसान, व्यापारी, मजदूर रैली के लिए कुरुक्षेत्र पहुंचे। पुलिस ने उन्हें खदेड़ने के लिए बल का प्रयोग किया। गुस्साए किसानों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। एक घंटे तक दिल्ली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर नीलोखेड़ी से शाहाबाद तक वाहनों की लंबी कतार लग गई।
हिरासत में लिए गए
रैली को समर्थन देने पहुंचे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा, लाडवा कांग्रेसी विधायक मेवा सिंह, इंप्रूवमेंट ट्र्स्ट के पूर्व चेयरमैन जलेश शर्मा व संगठन मंत्री सुभाष पाली सहित अन्य किसान नेताओं को पुलिस हिरासत में ले लिया। मौके पर डीसी शरणदीप कौर, एसपी आस्था मोदी व एसडीएम अखिल भी पहुंचे। उन्होंने किसानों को समझाने की कोशिश की लेकिन मांग पर पद अड़े रहे। आखिरकार प्रशासन को किसानों के आगे झुकना पड़ा और रैली करने की इजाजत दी। जाम के बाद दोपहर करीब दो बजे किसानों ने पिपली अनाज मंडी में पहुंचने पर रैली शुरू हुई।
नहीं मानी मांग तो 15 से धरना
मंडी में किसानों को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार ने अन्नदाता पर लाठीचार्ज कर गलत किया है। अब हम सरकार को चार दिन का समय देते है। चार दिन में सरकार तीनों अध्यादेशों को वापस लेने की बात मान लें, अगर सरकार उनकी बात नहीं मानती है तो प्रदेशभर के किसान 15 सितंबर से जिलास्तर पर धरना शुरू करेंगे।