वर्धा, 24 जून 2020: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में बोधिसत्त्व बाबा साहेब ई-ज्ञान श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित व्याख्यान में बुधवार, 24 जून को उत्तर प्रदेश विधान सभा के माननीय अध्यक्ष श्रीयुत हृदय नारायण दीक्षित जी ने कहा है कि भारतीयता में विश्व का नेतृत्व करने की शक्ति और क्षमता हैं। हमारी परंपरा और संस्कृति में सभी दिशाओं के श्रेष्ठ ज्ञान को स्वीकार करने की दृष्टि रहीं हैं। हमें ऐसे विचारों को भारतीयता की दृष्टि से जांच परख कर राष्ट्र के अभ्युदय के लिए काम करना चाहिए। हमारी दृष्टि वसुधैव कुटुंबकम की रही है और प्रतिभा, ज्ञान, प्रज्ञान के कारण हम विश्व के सक्षम अग्रगामी रहे हैं। उन्होंने पतंजलि, चरक संहिता, ऋग्वेद, महाभारत, यक्ष प्रश्न और वैदिक साहित्य आदि का हवाला देते हुए कहा कि हम विश्व मानवता के लिए काम करने वाले हैं। उन्होंने भारतीय संविधान को भारत का राजधर्म और संस्कृति को राष्ट्र धर्म कहते हुए दोनों के प्रति उत्तरदायित्व, निष्ठा और कर्तव्य बोध बनाए रखने का आग्रह किया। युवा, नई पीढ़ी और प्रबुद्ध लोगों को भारतीय संस्कृति के मूल से जुड़कर काम करने की अपेक्षा उन्होंने अपने सारगर्भित संबोधन में व्यक्त की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए माननीय कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने माननीय हृदय नारायण दीक्षित जी के प्रति आभार जताते हुए कोरोना के बाद की सभ्यता और भारतीय विचार दृष्टि को केंद्र में रखकर अपने विचार रखे। इस मौके पर प्रतिभागी दर्शकों द्वारा पूछे गए सवालों और जिज्ञासाओं पर विस्तार से चर्चा की गयी। परिचय एवं स्वागत वक्तव्य कार्यक्रम के संयोजक प्रो. अनिल कुमार राय ने दिया।
बोधिसत्व बाबासाहेब ई-ज्ञान श्रृंखला के अंतगर्त यह दुसरा व्याख्यान था। प्रत्येक बुधवार को सायं 4 बजे एक विद्वान वक्ता को इसमें आमंत्रित किया जाता है और पूरा व्याख्यान विश्वविद्यालय के फेसबुक लाइव व यूट्यूब लाइव पर प्रसारित किया जाता है।अकादमिक ज्ञान तथा बहुआयामी संवाद-दर्शन की भावनाओं को विकसित करने के लिए यह ऑनलाइन श्रृंखला विश्वविद्यालय की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसे देश- दुनिया के अध्यापकों, शोधार्थियों और विद्वानों का भारी प्रतिसाद मिल रहा है।