इटली के प्रधानमंत्री जिएसेपे कान्टे ने रविवार को कहा कि इटली में 4 मई से फैक्टरी और निर्माण कार्य दोबारा से शुरू हो जाएंगे। इसके अलावा लोगों को परिवारजन से मिलने के लिए भी थोड़ी सहूलियत भी दी जाएगी। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते यूरोप का सबसे लंबा लॉकडाउन इटली में लगा था।
दो महीने लंबे चले लॉकडाउन के बाद इटली के सामने दूसरा संकट यह भी है कि बिना संक्रमण फैले कैसे फैक्टरी और दूसरे अन्य आर्थिक गतिविधियों को शुरू किया जाए जिससे कि अर्थव्यवस्था को ठीक किया जा सके । कोरोना वायरस का पहला केस मार्च में मिलने के बाद ही इटली में पूरी तरह लॉकडाउन लागू कर दिया गया था।
प्रधानमंत्री जिएसेपे कान्टे ने कहा कि हमें बहुत ही जटिल समस्या का सामना करना पड़ सकता है उन्होंने यह भी कहा कि मार्च से ही बंद कई आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए रोड मैप तैयार कर लिया गया है। कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को लेकर उन्होंने कहा कि हमें इस संक्रमण को रोकने के लिए हर सावधानी का ध्यान रखना होगा और भविष्य में भी इस तरह के खतरे से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।
इटली में 4 मई से कुछ आर्थिक गतिविधियों के लिए थोड़ी छूट दी जाएगी। जिसमें निर्माण कार्य, थोक विक्रेता और कई तरह के कारखाने शामिल हैं। रेस्टोरेंट और बार जून से खोले जाएंगे। प्रधानमंत्री ने आर्थिक गतिविधियों में दिए गए छूट को लेकर कहा है कि इन्हें शर्त अनुमति दी गई है जिसमें हर दुकान और कारखाने को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा और साथ ही स्वास्थ्य सुरक्षा का भी ध्यान रखना होगा।
15 लोगों से ज्यादा संख्या वाले किसी भी तरह के पारिवारिक और निजी कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाएगी हालांकि लोगों को अपने परिवारजन से मिलने की सीमित सुविधा दी जाएगी और पार्क भी खोले जाएंगे। एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने की अनुमति लोगों को नहीं दी जाएगी लेकिन आपात स्थिति में लोगों को कहीं भी आने जाने की छूट मिलेगी जिसके लिए उन्हें कारण भी बताना होगा। संग्रहालय और पुस्तकालय जैसे पब्लिक स्पॉट 18 मई के बाद से खोले जायेंगे।
सितंबर में शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र से पहले इटली में सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। यह फैसला बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिए गया है।
आर्थिक नुकसान
दो महीने तक लंबे चले लॉकडाउन की वजह से यूरोप की इस तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पड़ी है जिसकी वजह से इटली को बड़े आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ सकता है जो दूसरे विश्वयुद्ध से भी ज्यादा होगा। उद्योगपतियों और व्यापार जगत के लोगों ने लॉकडाउन में थोड़ी और छूट मांगी है जिससे कि आने वाली मंदी को रोका जा सके। प्रधानमंत्री जिएसेपे कान्टे ने कहा कि कोरोना संक्रमण का इलाज या वैक्सीन खोजे जाने के बाद ही देश में पूरी तरह से छूट मिलेगी। हालांकि अभी तक ना तो कोई ठीक इलाज मिल पाया है और ना ही कोई वैक्सीन।
रविवार को इटली में मृत्यु दर में कमी देखी गई जो कि 14 मार्च के बाद सबसे कम है हालांकि पूरे यूरोप में सबसे अधिक मौतें इटली में ही हुई है। अभी तक कोरोना वायरस की वजह से इटली में कुल 26000 मौतें हुई है जबकि करीब 200000 लोग इससे संक्रमित हैं। विकसित पश्चिमी देशों से पहले ही यहां संक्रमण काफी फैल गया था जिसके कारण से इटली को खुद से ही सबसे पहले जूझना पड़ा ।इसलिए इटली ने लड़ाई को अलग रूप देते हुए मार्च के शुरुआती दिनों में ही लॉकडाउन कि घोषणा कर दी थी। हालांकि ऐसा करने के लिए इटली को बाध्य भी होना पड़ा क्योंकि उसे दुनिया के सामने लड़ाई का एक मॉडल भी प्रस्तुत करना था।
इटली में कुछ व्यवसायों को रणनीतिक व्यापार समझा जाता है जिसमें निर्यात गतिविधि शामिल है। इसलिए सरकार ने इसको इस सप्ताह से शुरू करने की योजना बनाई है जिसमें कुछ सरकारी शर्तें भी शामिल होंगी। इस सिलसिले में रविवार को डेली रिपब्लिका से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री कान्टे ने कहा कि निर्यात कंपनियों पर व्यापार को खोने और उत्पादन श्रृंखला से बाहर निकलने का खतरा ज्यादा है इसलिए निर्यात गतिविधियों को जल्दी से शुरू करने की जरूरत है।
रोम ने व्यवसायियों की सहायता के लिए सरकारी ऋण देने की घोषणा की है लेकिन कुछ व्यापारियों ने इसमें देरी होने की शिकायत की है और व्यापारियों ने कहा है इससे उन्हें कुछ समस्या भी आ सकती है। वहीं जिएसेपे कान्टे ने कहा है कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि जरूरतमंद कंपनियों को तुरंत ऋण देकर लाभ पहुंचाया जा सके। इसके लिए सभी बैंकों की ठीक ढंग से निगरानी भी की जा रही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार लाल फीताशाही को भी कम करने की कोशिश कर रही है। जिससे उद्योगों और कारखानों ठीक ढंग से चल पाए।
नोट : यह समाचार रॉयटर्स से लिया गया है। ( संवाददाता : स्टीफन जीक्स और एंजेलो अमंट, लेखन : जेम्स मैकेंज़ी, संपादन : पीटर कूनी)