कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा तीसरी बार लॉकडाउन बढ़ाया गया है जहां एक तरफ लॉक डाउन कारगर साबित हो रहा है वही दूसरी और इसके नकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) की रिपोर्ट के अनुसार कोविड – 19 के कारण किए गए लॉक डाउन के बाद दुनिया भर में घरेलू हिंसा के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं।
देश में जहां लॉकडाउन की स्थिति में लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं वहीं घरों के अंदर घरेलू हिंसा के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई। राष्ट्रीय महिला आयोग को मिलने वाली शिकायतें लॉकडाउन के दौरान बढ़कर दुगनी हो गई हैं। सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि फ्रांस, इटली और पेरिस जैसी जगहों पर भी घरेलू हिंसा के मामलों में 30 से 40 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
लॉकडाउन यूं तो सबकी परेशानी को बढ़ाए हुए है, लेकिन महिलाओं की परेशानी और बढ़ गई है जो अपने ही घरों में घरेलू हिंसा की शिकार हो रही हैं। 23 मार्च से अब तक राष्ट्रीय महिला आयोग ने बताया की लॉकडाउन के पहले दो हफ्तों के दौरान घरेलू हिंसा की लगभग आधी शिकायतें राष्ट्रीय महिला आयोग को मिलती थीं।

भारत के राष्ट्रीय महिला आयोग के मुताबिक, 23 मार्च से 16 अप्रैल तक 587 शिकायतें आयीं। इनमें 239 घरेलू हिंसा से जुड़ी हुई हैं। आयोग का दावा है कि ऐसे मामलों में बहुत इज़ाफा हुआ है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा का कहना है कि घरेलू हिंसा के इतने अधिक मामलों के पीछे एक प्रमुख वजह कोरोना वायरस के कारण लगाया हुआ लॉकडाउन हो सकता है। क्योंकि लॉकडाउन के चलते हालात ऐसे बन गये हैं कि परिवार बिना काम के एक जगह लगातार रहने को विवश हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि हालात ऐसे ही हैं। मगर महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। ऐसे में घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएँ हिंसा से बचने के लिए पड़ोसी के यहाँ भी नहीं जा सकतीं। क्योंकि पड़ोसी भी कोरोना वायरस के डर से मदद करने से हिचकिचाते हैं।
यह स्थिति तब है, जब लॉकडाउन के दौरान ना तो महिलाएं थाने तक अपनी शिकायत करने के लिए पहुंच पा रही हैं और ना ही उनकी चिट्ठी डाक द्वारा पहुंच रही है।
आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा के अनुसार घरेलू हिंसा के मामले सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब में दर्ज गए है ऐसे मामले हैं जो महिलाओं द्वारा बताए गए हैं जो विभिन्न प्लेटफार्म माध्यमों से आयोग तक पहुंच सके हैं यदि भारत की ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में होने वाली घरेलू हिंसा की रिपोर्ट दर्ज कराई जाए तो या आंकड़ा और भी भयावह हो सकता है साथी रेखा शर्मा ने महिलाओं से आग्रह किया है कि यदि वह घरेलू हिंसा का सामना करती है तो पुलिस से संपर्क करने राज्य महिला आयोग तक पहुंचने की पूरी कोशिश करें।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इसी के चलते वाट्सएप पर एक हेलपलाइन नंबर (7217735372) जारी किया है ताकि पीड़ित महिलाएं इस नंबर पर शिकायत कर सके।
लॉक डाउन के दिनों में जब से घरेलू हिंसा की खबर ज्यादा से लोगो तक पहुंचने लगी तब से सोशल मीडिया पर लोगो ने इसके खिलाफ बोलना शुरू किया। कई बड़ी बड़ी हस्तियों ने भी चिंता जाहिर की।