कोरोना से अगर कोई राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित है तो वह महाराष्ट्र। अकेले महाराष्ट्र में 52,667 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। जिसमें 1,695 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। जबकि 15,786 लोग अबतक स्वस्थ हो चुके हैं। लेकिन इस संकट के बीच महाराष्ट्र की राजनीति में आज मंगलवार को नया मोड़ तब आ गया जब महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के मुलाकात कि खबरें सामने आई। जिसके बाद से ही राज्य में राजनीतिक गहमा-गहमी बढ़ गई। हालांकि बाद में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इसे महज एक शिष्टाचार मुलाकात करार दिया। इसके पहले शरद पवार सोमवार शाम को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने उनके घर मातोश्री गए थे। जिसके बाद कहा गया कि शरद पवार और उद्धव ठाकरे के बीच यह मुलाकात औपचारिक थी।
महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार मजबूत: संजय राऊत
बढ़ते सियासी बयानबाज़ी के बीच शिवसेना सांसद संजय राऊत ने बयान जारी कर कहा, “अगर उद्धव ठाकरे जी से पवार साहब मुलाकात करते हैं तो इसमें वजह की बात क्या है? राज्य चलाने वाले दो प्रमुख नेता अगर आपस में बैठकर अगर राज्य पर चर्चा करते हैं तो मुझे लगता है इसमें किसी को तकलीफ होने जैसी कोई बात नहीं है।भाजपा अगर राष्ट्रपति शासन की बात कह रही है तो मैंने ये उनके किसी बड़े नेता के मुंह से नहीं सुना। मैंने देवेंद्र जी, अमित साहब और नितिन गडकरी जी को ये कहते हुए नहीं सुना है, ऐसे में मैं इस पर कैसे विश्वास कर लूं।” इसके पहले शनिवार को संजय राऊत राज्यपाल से मिलने पहुंचे। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि राज्यपाल को आश्वस्त किया गया है कि गठबंधन सही से चल रहा है। इसी बयान के बाद से ही महाराष्ट्र में राजनितिक अस्थिरता की बात सामने आने लगी।
अगर उद्धव ठाकरे जी से पवार साहब मुलाकात करते हैं तो इसमें वजह की बात क्या है? राज्य चलाने वाले दो प्रमुख नेता अगर आपस में बैठकर अगर राज्य पर चर्चा करते हैं तो मुझे लगता है इसमें किसी को तकलीफ होने जैसी कोई बात नहीं है: शिवसेना नेता संजय राउत pic.twitter.com/r5X2p8q75v
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 26, 2020
राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन: नारायण राणे
संजय राऊत के बाद पूर्व महाराष्ट्र मुख्यमंत्री और भाजपा नेता नरायण राणे भी राज्यपाल से मिलने पहुंचे। उन्होंने सरकार को कोरोना से लड़ने में विफल करार दिया। नारायण ने एक बाद तीन ट्वीट उन्होंने किया करते हुए कहा, “महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत है। उद्धव ठाकरे सरकार कोरोना संक्रमण को सम्भालने मे नाकाम रही है। उनके पास इसे सम्भालने की क्षमता नहीं है। मुख्यमंत्री को यह भी नहीं पता कि पुलिस व्यवस्था का संचालन कैसे किया जाता है। सरकारी और नगरपालिका के अस्पतालों की स्थिति अच्छी नहीं है। सभी अस्पताल सेना को सौंप देना चाहिए तब साथ में सुधार हो सकता है। ऐसी स्थिति में राज्य ने अपने दम पर क्या किया है? सरकार के पास कोई अध्ययन नहीं है इस स्थिति से लड़ने के लिए।”
राज्य कसे चालवावे, पोलीस यंत्रणा कशी हाताळावी, हे मुख्यमंत्र्यांना अद्याप जमत नाही. मनपा व राज्य सरकारच्या रुग्णालयांची अवस्था वाईट आहे. ही सर्व रुग्णालये लष्कराच्या ताब्यात द्यावीत. तरच परिस्थिती सुधारू शकते, अशी विनंतीही राज्यपालांना केली.
— Narayan Rane (@MeNarayanRane) May 25, 2020
महाराष्ट्र के बदलते समीकरण के बीच आज पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस शाम चार बजे प्रेस को सम्बोधित करेंगे। इस प्रेस कांफ्रेस के बाद से ही स्थिति कुछ स्पष्ट होने की उम्मीद है। महाराष्ट्र में इस समय एनसीपी,शिवसेना और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार चल रही है।