दुनिया भर में पत्रकारों को उत्कृष्ठ काम के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से नवाजने वाली फिलिपींस ने अपने यहां के सबसे बड़े समाचार संगठन को बंद कर दिया है। इस नेटवर्क को सरकार ने उसके प्रति आलोचनात्मक रवैया रखने की यह सजा दी है।
देश की सबसे बड़ी मीडिया संस्था एबीएस- सीबीएन ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि हम 5 मई की शाम से अपने चैनल को ऑफ एयर करने के लिए बाध्य हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चैनल को ऑफ एयर करने का निर्देश सरकारी संगठन नेशनल टेलीकम्युनिकेशंस कमिशन ने दिया है और फिलिपींस की संसद ने हमारे चैनल के लाइसेंस को रिन्यू करने की अपील पर कोई फैसला नहीं लिया है जो कि 4 मई को ही खत्म हो गया है। एबीएस – सीबीएन ने आगे अपना बयान जारी करते हुए कहा कि हम अभी तक फिलीपींस के लोग कठिन दौर में सही सूचना पहुंचाते रहे हैं इसलिए हमें उम्मीद है कि सरकार फिलीपींस के लोगों को ध्यान में रखते हुए हमारी फ्रेंचाइजी पर जल्दी ही कोई निर्णय लेगी।
प्रेस पर अंकुश लगाने वाला कदम
हालांकि विपक्षी पार्टी के नेताओं , पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने सरकार के इस कदम की आलोचना की है और इन्हें राजनीति से प्रेरित कदम बताया है। कई लोगों ने सरकार के इस कदम को प्रेस पर अंकुश लगाने की कोशिश बताई है यह चैनल राष्ट्रपति रोड्रिगो डुर्टेटे और उसके प्रशासन के जनविरोधी कदमों के प्रति आलोचनात्मक रवैया अधिकार करता है। एबीएस – सीबीएन ने कुछ साल पहले सरकार के द्वारा ड्रग्स के विरूद्ध छेड़े गए खूनी जंग की काफी आलोचना की थी। 2016 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डुर्टटे के विज्ञापन को चैनल ने अपने यहां चलाने से मना कर दिया था जिसके बाद से ही डुर्टटे ने चैनल का टेलीकास्ट बंद करने की धमकी थी। फिलीपींस सीनेटर रिजा होंटिवरोस ने इस निर्देश की निंदा करते हुए कहा कि चैनल को बंद करना सरकार के जनविरोधी नीतियों को दिखाता है। वहीं एक और सीनेटर ने कहा कि चैनल को बंद करने से हमारे यहां कोरोना वायरस के खिलाफ छेड़ी गई लड़ाई कमजोर हो रही है। कोरोना वायरस की वजह से फिलीपींस में अभी तक करीब 10000 लोग पीड़ित हैं और करीब 600 लोगों की इससे मौत हो चुकी है।
राष्ट्रपति डुर्टटे के प्रवक्ता हैरी रोक ने कहा कि सरकार अपने सभी ब्रॉडकास्टर के प्रति आभारी है लेकिन चैनल के फ्रेंचाइजी का पूरा निर्णय फिलीपींस की संसद ” कांग्रेस” के पास है। इसपर चैनल के आधिकारिक प्रवक्ता ने जवाब देते हुए कहा कि उसे यह आश्वासन दिया गया था कि वह बिना किसी रोक टोक के अपना प्रसारण कर सकता है ।जबकि इसपर अभी तक संसद ने कोई निर्णय नहीं लिया है। प्रसारण को बंद करने का आदेश देने वाली सरकारी संस्था नेशनल टेलीकम्युनिकेशंस कमिशन के उपायुक्त एडगर्डो केबारियोस ने कहा कि यह निर्णय तत्काल प्रभाव के लिया गया है लेकिन अगर चैनल चाहे तो न्यायालय के माध्यम से अपील कर सकता है। साथ ही ऑपरेटर ने एबीएस – सीबीएन को जवाब देने और यह बताने के लिए कहा है कि उसके प्रसारण को क्यों ना रोका जाए । इसके लिए चैनल को 10 दिन का समय दिया गया है।
फ्रेंचाइजी प्रदान करने वाली संसदीय समिति के उपाध्यक्ष एंटोनियो अल्बानो ने इस पूरे मामले पर कहा कि संसद ” कांग्रेस” जल्दी ही टेलीकॉम विभाग से उसके द्वारा लिए गए फैसले पर जवाब मांगेगी। एंटोनियो अल्बानो ने मीडिया से बातचीत में यह कहा कि किसी भी चैनल को बंद और शुरू करने का अधिकार सिर्फ कांग्रेस के पास है।
डुर्टेटे का खतरनाक कदम
फिलीपींस के पत्रकारों के समुह जर्नलिस्ट यूनियन इन दी फिलीपींस ने ट्विटर पर सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कहा कि डुर्टेटे जो चाहते हैं वो वे करते हैं । वे शुरू से एबीएस – सीबीएन के खिलाफ थे। उनका यह कदम दिखाता है कि वे क्रिटिकल मीडिया को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। प्रशासन राष्ट्रपति की अंधभक्ति में इतनी घुल गई है कि वो सही प्रक्रिया और देश के भले के बारे में सोचना ही भूल गई। मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि मीडिया और मानवाधिकार संगठन पर अंकुश लगाना सरकार की निरंकुशता को दिखाता है। कोरोना महामारी के इस दौर में प्रेस की आजादी पर रोक लगाना फिलीपींस की जनता के लिए काफी घातक साबित होगा।
[Repost] NUPL PRESS STATEMENT
5 May 2020The cease and desist order issued by the NTC against ABS-CBN is a deplorable assault on free press that further reveals that this administration is more interested in restricting basic freedoms than in containing a pandemic.
— NUJP (@nujp) May 5, 2020
फिलीपींस का सबसे बड़ा मीडिया संगठन एबीएस – सीबीएन करीब 66 साल पुराना है । इसमें करीब 7000 मीडियाकर्मी काम करते हैं और यह चैनल पूरे देश में 21 रेडियो स्टेशन और 38 टीवी स्टेशन को चलाता है साथ ही इसका एक विभाग लोगों के लिए ऑनलाइन कंटेंट भी उपलब्ध कराता है।फिलीपींस प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 134वें स्थान पर है । भारत का स्थान प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 142वां है। फिलीपींस अलग – अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले लोगों को रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित करती है। रेमन मैग्सेसे को एशिया का नोबेल भी कहा जाता है। अभी पिछले साल ही एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार को पत्रकारिता में उत्कृष्ट कार्य के रेमन मैग्सेसे पुरस्कार दिया गया था।
नोट : यह खबर समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से लिखा गया है।