प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने सम्बोधन में विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर हम रिजर्व बैंक और सरकार की घोषणाओं के साथ आज के ऐलान को जोड़ दिया जाए तो यह करीब-करीब 20 लाख करोड़ रूपये की मदद है, जोकि जीडीपी का 10 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि इस आर्थिक पैकेज में किसान,श्रमिक,मध्यवर्ग सहित सबका ध्यान दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा “ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है,देश के उस किसान के लिए हैजो हर स्थिति,हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है। ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है,जो ईमानदारी से टैक्स देता है,देश के विकास में अपना योगदान देता है। इसके साथ ही ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग,गृह उद्योग,हमारे लघु-मंझोले उद्योग,हमारे MSME के लिए है,जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है,जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है।”
आने वाले कुछ दिनों में वित्तमंत्री द्वारा इस आर्थिक पैकेज की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। लाकडाउन -4 के विषय में प्रधानमंत्री ने कहा कि “लॉकडाउन का चौथा चरण, लॉकडाउन 4, पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी भी आपको 18 मई से पहले दी जाएगी।”

प्रधानमंत्री के सम्बोधन के मुख्य बिन्दु

इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को, 20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा, सपोर्ट मिलेगा।20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को,आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा।

आत्मनिर्भर भारत का ये युग,हर भारतवासी के लिए, नूतनप्रण भी होगा,नूतन पर्व भी होगा। अब एक नई प्राणशक्ति,
नई संकल्पशक्ति के साथ हमें आगे बढ़ना है।

आत्मनिर्भरता हमें सुख और संतोष देने के साथ-साथ सशक्त भी करती है। 21वीं सदी,भारत की सदी बनाने का हमारा दायित्व,आत्मनिर्भर भारत के प्रण से ही पूरा होगा।
इस दायित्व को 130 करोड़ देशवासियों की प्राणशक्ति से ही ऊर्जा मिलेगी।

आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए ‘वोकल’ बनना है,न सिर्फ लोकल Products खरीदने हैं,बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है।मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है।

ये संकट इतना बड़ा है,कि बड़ी से बड़ी व्यवस्थाएं हिल गई हैं। लेकिन इन्हीं परिस्थितियों में हमने,देश ने हमारे गरीब भाई-बहनों की संघर्ष-शक्ति,उनकी संयम-शक्ति का भी दर्शन किया है।

अब Reforms के उस दायरे को व्यापक करना है,
नई ऊंचाई देनी है।ये रिफॉर्मस खेती से जुड़ी पूरी सप्लाई चेन में होंगे,ताकि किसान भी सशक्त हो और भविष्य में कोरोना जैसे किसी दूसरे संकट में कृषि पर कम से कम असर हो।

आपने भी अनुभव किया है कि बीते 6 वर्षों में जो Reforms हुए,उनके कारण आज संकट के इस समय भी भारत की व्यवस्थाएं अधिक सक्षम,अधिक समर्थ नज़र आईं हैं।

आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए,
इस पैकेज में Land,Labour,Liquidity और Laws,सभी पर बल दिया गया है।