प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को निजी क्षेत्र के लिए 41 कोयला खदानों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की। यह आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत आती है। प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि आप अपना विश्वास, अपना हौसला बुलंद रखिए, हम ये कर सकते हैं। हम आत्मनिर्भर भारत बन सकते हैं। हम आत्मनिर्भर भारत बना सकते हैं। आत्मनिर्भरता की यह यात्रा 130 करोड़ भारतीयों ने शुरु की है, उसमें आप सभी उसके बहुत बड़े भागीदार हैं। हम इस संकट को अवसर में बदलेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत कोरोना से लड़ेगा और इससे आगे भी बढ़ेगा। इस संकट ने भारत को आत्मनिर्भर होने की सीख दी है।
Prime Minister @narendramodi to address launching of Auction of 41 Coal Mines for Commercial Mining on 18th June, 2020. https://t.co/86CgIpOhD6
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— PMO India (@PMOIndia) June 18, 2020
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आत्मनिर्भर भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा। भारत आयात पर खर्च होने वाली लाखों करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बचाएगा। आत्मनिर्भर भारत यानि भारत को आयात न करना पड़े, इसके लिए वो अपने ही देश में साधन और संसाधन विकसित करेगा।
उन्होंने कहा कि महीने भर के भीतर ही, हर घोषणा, हर रिफॉर्म्स, चाहे वो कृषि क्षेत्र में हो, चाहे वह एमएसएमई सेक्टर में हो या फिर अब कोयला-खनन क्षेत्र में हो, तेज़ी से ज़मीन पर उतर रहे हैं। आज ऊर्जा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा जो देश कोयला रिज़र्व के हिसाब से दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश हो, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्रोड्यूसर हो, वो देश कोयला का निर्यात नहीं करता बल्कि वो देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला आयात करने वाला देश है।
आप अपना विश्वास, अपना हौसला बुलंद रखिए,
हम ये कर सकते हैं।
हम आत्मनिर्भर भारत बन सकते हैं।
हम आत्मनिर्भर भारत बना सकते हैं।
Self Reliant India की जो Journey 130 करोड़ भारतीयों ने शुरु की है, उसमें आप सभी उसके बहुत बड़े भागीदार हैं: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) June 18, 2020
प्रधानमंत्री ने कहा ये ऑक्शन ऐसे समय में हो रहे हैं, जब भारत में व्यापार गतिविधियां तेज़ी से नॉर्मल हो रही हैं। कंसम्पशन और डिमांड बड़ी तेज़ी से बढ़ रही है। ऐसे में इस नई शुरुआत के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता। साल 2014 के बाद इस स्थिति को बदलने के लिए एक के बाद एक कई कदम उठाए गए। जिस कोल लिंकेज की बात कोई सोच नहीं सकता था, वो हमने करके दिखाया। ऐसे कदमों के कारण कोयला क्षेत्र को मजबूती भी मिली है।