राहुल मिश्रा
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा खुला बाज़ार परिचालन के तहत सरकारी प्रतिभूतियों की एक साथ खरीद और बिक्री करने हेतु पुनः निर्णय लिया गया है जिसके तहत भारतीय रिज़र्व बैंक वर्ष 2026-30 के बीच परिपक्व होने वाले 10 हज़ार करोड़ के बॉन्ड खरीदेगी तथा इतनी ही धनराशि की ट्रेज़री बिल की बिक्री करेगा। इस निर्णय से 10 वर्ष के बॉन्ड पर बॉन्ड यील्ड में 20 आधार अंक की कमी आएगी।
क्या है ऑपरेशन ट्विस्ट
ऑपरेशन ट्विस्ट’ के अंतर्गत केंद्रीय बैंक दीर्घ अवधि के सरकारी ऋण पत्रों को खरीदने के लिये समय – समय पर अल्पकालिक प्रतिभूतियों की बिक्री से प्राप्त आय का उपयोग करता है, जिससे लंबी अवधि के ऋणपत्रों पर ब्याज दरों के निर्धारण में आसानी होती है।
ऑपरेशन ट्विस्ट का प्रयोग पहली बार वर्ष 1961 में अमेरिकी डॉलर को मज़बूत करने और अर्थव्यवस्था में नकदी प्रवाह को प्रोत्साहित करने के लिये किआ गया था।