प्रतीकात्मक तस्वीर

राहुल मिश्रा

कोरोना संकट से पूरा विश्व जूझ रहा है। विश्व में भारत की स्थिति अभी सही बनी हुई है भारत की जनसँख्या को देखते हुए यहा अभी मामले कम है लेकिन हमे लॉक डाउन के बाद भी सचेत रहना होगा। एक छोटी सी चूक हमारे सभी प्रयासों पर पानी फेर सकती है और इन सब के बीच बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन हो रहा है जो की एक गंभीर मामला है,राज्यों में प्रवेश के साथ ही इनके आइसोलेशन और इनकी रोजगार की जिम्मेदारी सरकार और प्रसाशन पर होगी लेकिन अब देखना यह है की की सरकार इन्हे एक अवसर के रूप में देखती है या एक परेशानी के रूप में। राज्य और केंद्र सरकारों को अब एक संतुलन बनाकर मजदूरों को अपनी सभी योजनाओ के केंद्र बिंदु पर रखना होगा। सामाजिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना होगा और साथ ही साथ इन्हे एक संभवना के तौर पर देखना होगा।
अर्थशास्त्र की भाषा में इसे रिवर्स माइग्रेशन कहा जाता है और इसके विश्व भर में तमाम उदहारण है कि जिन देशो में इसे एक चुनौती के रूप में देखा गया है वे आज विश्व के एक प्रभावशाली देशो में गिने जाते है वही जिन देशो ने इस पर ध्यान नहीं दिया वहाँ एक के बाद एक समस्या खड़ी हो गई है।

आज के परिवेश में सबसे बड़ा सवाल यही है की जो शहर हमारे भाई- बंधुओ को इतना आत्मनिर्भर नहीं बनता की वे 2 महीने घर बैठ के खा सके तो फिर क्या फयदा ऐसे शहरो में जाके काम करने का। शहरी इलाको में जाने वाले अधिकांश युवक ग्रामीण परिवेश के होते है और इनके जाने का सबसे बड़ा कारण होता है गाँव में रोजगार का आभाव। ऐसे युवाओ के लिए सरकारों को गाँव में ही रोजगार देने के साथ साथ उचित प्रबंधन करना चाहिए ताकि वे अपना काम शुरू कर सके।

क्या करना होगा सरकारों को

कृषि के साथ साथ पशुधन क्षेत्रो को भी बढ़ावा देना होगा, खुली चरागाही पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया जाये जिसके लिए पहले स्टाल फीडिंग के लिए किसानो को प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराइ जाये, सब्जी की खेती के साथ साथ डेरी उघोग को भी बढ़ावा दिया जाये,फसल उत्पादन को खरीदने के लिए सरकार तत्परता दिखाए और फसल खरीद की गारंटी दे। उत्पाद खरीदने हेतु ग्रामीण स्तर पर एक कमेटी बनाई जाये,दैनिक आधार पर अखबारों तथा रेडियो के द्वारा आम जानो को जानकारी देने की व्यस्था बनाई जाये जिससे किसानो के बीच प्रतिस्पर्धा का भाव जागृत हो सके। लघु एवं कुटीर उघोगो के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाये। क्षेत्र विशेष में उपलब्ध संसाधन को देखते हुए मधुमक्खी पालन के साथ साथ बॉस की खेती को बढ़ावा मिले, युवाओ में कौशल विकास किआ जाये खासकर बम्बू क्राफ्ट, अगरबत्ती, माचिस के क्षेत्र में ऐसा किआ जा सकता है।

कोरोना(Corona Virus) एक मानवीय त्रासदी है। जो मनुष्य से मनुष्य में फैलती है। इसके लिए सोशल डिस्टन्सिंग बहुत जरूरी है। केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों को अपने सभी निर्णय के केंद्र बिंदु पर गरीब और माध्यम वर्ग को रखना ही होगा। आज भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती कोरोना से निपटने के साथ साथ मजदूर,किसान एवं बेरोजगार युवाओ के सामाजिक सुरक्षा की भी है जिसको इस समय हम नए अवसर तलाश कर ही बचा सकते है।