CBSE की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाओं को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें बोर्ड शेष परीक्षाएं कराने को लेकर अपना फैसला सुनाया है। इससे पहले केंद्रीय बोर्ड ने मंगलवार को शीर्ष अदालत को यह जानकारी दी थी कि फैसला बुधवार शाम तक ले लिया जाएगा। लेकिन बुधवार को इस संबंध में बोर्ड या सरकार की ओर से कोई घोषणा नहीं की गई। लेकिन अदालत ने आज 2 बजे इस मामले की सुनवाई की।
सीबीएसई बोर्ड एग्जाम को लेकर बड़ी खबर सामने आई है देशभर में कोरोना वायरस के लगातार तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई ने दसवीं और बारहवीं की बची हुई परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया है। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत को अपने इस फैसले से अवगत कराया। सीबीएसई बोर्ड की लंबित परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई तक होनी थी। उसे रद्द कर दिया गया है और फैसला लिया गया है कि पिछले तीन परीक्षा के आधार पर होगा मूल्यांकन। इसके साथ ही बाद में स्थिति सामान्य होने पर परीक्षा आयोजित करने का विकल्प रहेगा।
जस्टिस एएम खानविलकर की पीठ ने आईसीएसई बोर्ड से कहा था कि वह भी सीबीएसई के फैसले का अनुसरण कर सकता है। कोरोना के कारण कुछ अभिभावकों ने 1 से 15 जुलाई तक होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने तथा इंटरनल असेसमेंट के आधार पर छात्रों का रिजल्ट बनाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी का प्रकोप बढ़ रहा है, परीक्षा के लिए बच्चों को भेजने से उन्हें खतरा हो सकता है। कोर्ट ने इसके लिए बोर्ड को एक हफ्ते का समय दिया था। लेकिन 23 जून को बोर्ड ने कहा था कि सरकार इस मसले पर विचार कर रही है और बुधवार शाम तक इस इस पर निर्णय ले लिया जाएगा। सीबीएसई ने कहा कि निर्णय की प्रक्रिया काफी आगे बढ़ चुकी है हम विद्यार्थी भी चिंता से वाकिफ हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गुरुवार तक स्थगित कर दिया था जिस पर आज फैसला ले लिया गया है।