शांभवी शुक्ला
आधुनिक दुनिया में एक बड़ी समस्या आजकल हमारे भी सामने आती है। लगभग हर 5 परिवारों के बाद किसी परिवार के बुजुर्ग को उसके घर में जगह नहीं मिलती। बूढ़े मां बाप को बेटे और रिश्तेदार घर से निकाल देते हैं या तो उन्हें प्रताड़ित करते हैं। उत्तर प्रदेश में ऐसे बेटों और रिश्तेदारों की खैर नहीं होगी। प्रदेश की योगी सरकार ने जल्द ही इस संबंध में कानून लाने की सोची है। यूं तो संबंध में 2014 में ही कानून बनाया गया था। जिसे सूबे की सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया।
योगी सरकार की ओर से अगली कैबिनेट मीटिंग में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण एवं कल्याण नियमावली में संशोधन करने की संभावना है। 2014 में बनी इस नियमावली के अंतर्गत माता पिता को प्रताड़ित करने वाले बेटों को मां बाप बेदखल कर सकते थे। इस नियमावली में संशोधन होने वाला है। संभावना है कि इसमें सजा का भी प्रावधान किया जाएगा और कुछ जुर्माना भी तय होगा।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक तरफ जहां सनातन धर्म और परंपरा को लेकर तत्पर है। वहीं दूसरी तरफ देश और दुनिया में बुजुर्गों के प्रति अन्याय पर भी नकेल कसने की तैयारी कर रही है। अब देखना यह होगा कि इस नियमावली में संशोधन से किया बुजुर्गों की स्थिति में सुधार होता है या फिर यह कानून भी ठंडे बस्ते में रहेगा।