॥प्रधानमंत्री जी के आवाह्न पर वोकल फॉर लोकल के लिए कविता॥
शुभम तिवारी
आधुनिकता के नई राह में,फस ना जाएं किसी जाल में,
अपनी संस्कृति और सभ्यता को अक्षुण्ण रखे हर हाल में,
मां भारती के निज गौरव गाथा का विश्व पटल पर जयजयकार हो,
स्वदेशी जीवन हो अपना, स्वदेशी विचार हो ।।
याद करो आंदोलन का एक लहर भी आया था,
गांधीजी ने स्वदेशी को उच्च शिखर पर लाया था,
स्वावलंबन की शुरुआत हुई थी खादी ख्याति प्राप्त हुई थी,
राष्ट्र भावना से जागृत फिर वही हुंकार हो,
स्वदेशी जीवन हो अपना, स्वदेशी विचार हो ।।
जन जन की भागीदारी हो सशक्त भारत की बारी हो,
नव सृजन हो लघु उद्योगों का राष्ट्र कार्य निरंतर जारी हो,
आओ फिर से कमर कसे नए कल के लिए तैयार हो,
आत्मनिर्भर भारत का सपना जन-जन से साकार हो,
स्वदेशी जीवन हो अपना, स्वदेशी विचार हो।।
रूढ़िवाद पर चोट करें समरसता का भाव हो,
दृढ़ संकल्प सावरकर जैसा जिससे कुछ प्रभाव हो,
लोकल के लिए वोकल का मंत्र कवच तैयार हो,
विजयी विश्व गुरु भारत पुनः एक बार हो,
स्वदेशी जीवन हो अपना, स्वदेशी विचार हो।।
IET Lucknow
B.Tech (ELECTRONIC AND INSTRUMENTATION ENGINEERING)
subhamtiwari913@gmail.com
(कविता में कवि के निजी विचार हैं।)