राहुल मिश्रा
COVID-19 के कारण विदेशो से भारत को भेजे गए धन में में भारी गिरावट
विश्व बैंक द्वारा जारी एक रिपोर्ट (माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट ब्रीफ) के अनुसार,COVID-19 महामारी के कारण वर्ष 2020 में वैश्विक स्तर पर प्रवासियों द्वारा भेजे जाने वाले धन में भारी गिरावट देखी जा सकती है। यह रिपोर्ट प्रवासी कामगारों के संदर्भ में विश्व बैंक द्वारा तैयार की जाने वाली एक महत्त्वपूर्ण रिपोर्ट है जो साल में 2 बार तैयार की जाती है ,पिछले कुछ वर्षों से वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप विदेशो से आने वाले धन का महत्त्व बढ़ा है, वर्तमान में विश्व के कई विकासशील देशों में यह आय का सबसे बड़ा स्रोत बन गया है।
क्या है इस रिपोर्ट में
विश्व बैंक (World Bank) की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019 में 5.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ भारत में 84 अमरीकी बिलियन डॉलर आये थे,वही वर्ष 2020 में भारतीय प्रवासियों द्वारा भेजा जाने वाले धन में 23 प्रतिशत की कमी हो सकती है।

इस गिरावट के कारण
वर्तमान में COVID-19 महामारी के कारण विश्वभर में औद्योगिक इकाइयों को भारी क्षति पहुंची है और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भी कमी आयी है, जिसके कारण प्रवासी कामगारों की आय में कमी के साथ काम के अवसरों में भी कटौती हुई है।ऐसा देखा गया है की भारत के साथ ही दक्षिण एशिया के कई अन्य देशों के लिये मध्य पूर्व के देश रोज़गार का एक बड़ा स्रोत हैं, परंतु हाल ही में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की घटती कीमतों से इन देशों की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिले हैं।
वर्ष 2018 में भारत विश्व विदेशो से सबसे अधिक धन प्राप्त करने वाला देश था,इस दौरान लगभग 170 लाख प्रवासी भारतीयों ने विश्व के कई देशों में कार्य करते हुए देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देते आए हैं। ऐसे में वैश्विक स्तर पर अर्थव्यस्था में गिरावट का सीधा प्रभाव प्रवासी भारतीयों पर आश्रित उनके परिवारों पर पड़ेगा। वर्तमान में जब पूरे देश में लॉकडाउन के कारण आर्थिक क्षेत्र में तरलता की कमी हुई है ऐसे में विदेशो से भारत को भेजे गए धन में गिरावट से इस समस्या में अधिक वृद्धि हो सकती है।