183 बिलियन (अरब) वाली इंडियन फ़िल्म इंडस्ट्री इस वक़्त अपने सबसे मुश्किल दौर से गुज़र रही है। कहते हैं आंधी जब आती है तो अपने साथ बहुत कुछ लेकर जाती है। लेकिन आंधी के कारण हुए नुकसान का असली पता उसके जाने के बाद चलता है। ठीक ऐसे ही कोरोना महामारी वही आंधी है जिसके जाने बाद ही पता चलेगा कि वह कितना कुछ अपने साथ लेकर गई है।

बॉलीवुड फिल्मों के पोस्टर (स्त्रोत: गूगल)

साल 2020 की शुरुआत तानाहजी, छपाक, स्ट्रीट डांसर 3D, पंगा, मलंग, भूत, शुभ मंगल सावधान जैसी फिल्मों से हुई थी। इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा धमाल नहीं मचाया था जिसके बाद लोग कुछ अच्छी फिल्मों की आस लगाए बैठे थे। बताया जा रहा है, साल की मोस्ट अवेटेड फ़िल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ जिसमें आलिया भट्ट और रणबीर कपूर दिखने वाले हैं भी रुकी हुई है। फ़िल्म की रिलीज़ डेट 4, दिसंबर, 2020 रखी गयी थी। लेकिन कोरोना को देखते हुए यह भी पटरी से उतरती नज़र आ रही है। 1983 में कपिल देव की कप्तानी में भारत द्वारा जीते गए पहले क्रिकेट विश्व-कप पर बन रही रणवीर सिंह स्टारर फ़िल्म ‘83‘ 10 अप्रैल को रिलीज़ होनी थी। इसकी सूचना 20 मार्च को ही फ़िल्म के निर्माताओं द्वारा दे दी गयी थी। लेकिन लोकडाउन के कारण फिल्म रिलीज़ नहीं हो पायी।

क्या कहते हैं आंकड़े?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री पहले ही 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान झेल चुकी है। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि बॉक्स ऑफिस पर कमाई ‘जीरो/शून्य’ है। ट्रेड एनालिस्ट गिरीश जोहर के अनुसार फिल्मों की रिलीज़ डेट 2021 तक खिंचने की गुंजाइश है। फाइनांशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट की माने तो पिछले साल इसी समय 1499.9 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी लेकिन इसबार यह सिर्फ 1062.4 करोड़ तक ही पहुंच पायी है।

स्त्रोत: गूगल

बॉलीवुड का गणित:

बॉलीवुड का गणित कहता है कि फ़िल्म निर्माता जब फिल्में रिलीज़ करते हैं तब इस बात का ध्यान रखते हैं कि वह ‘दिन’ सही हो। अधिकतर फ़िल्म निर्माताओं की कोशिश रहती है कि त्योहारों पर फिल्मों को रिलीज़ किया जाए। इसबार भी वैसा ही होगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि लोकडाउन खुलते ही और कोरोना महामारी के जाते ही फ़िल्म निर्माता त्योहारों की तारीखों को झपटने की कोशिश में रहेंगे। अजय देवगन की फ़िल्म ‘भुज: दा प्राइड ऑफ इंडिया‘ और आमिर खान की फ़िल्म ‘लाल सिंह चड्ढा‘ की रिलीज़ डेट का अनुमान अगस्त में लगाया जा रहा है। ईद पर हर साल सलमान खान अपनी कोई न कोई फिल्म जरूर रिलीज़ करते हैं। ये ठीक ऐसा है कि सलमान के लिए उनकी ईदी फिल्म द्वारा कमाई गयी कीमत होती है। इस साल भी अनुमान लगाया जा रहा था कि सलमान की ‘राधे-योर मोस्ट वांटेड भाई‘ ईद पर रिलीज़ होगी। ऐसे ही अक्षय कुमार की फ़िल्म ‘पृथ्वीराज‘ दीवाली पर रिलीज़ होनी थी। लेकिन पेंडेमिक के चलते अब इन दोनों का रिलीज़ होना नामुमकिन लगता है। बॉलीवुड के खिलाड़ी अभिनेता अक्षय कुमार की ‘सूर्यवँशी’ को भी 24 मार्च को सिनेमाघरों में दस्तक देनी थी लेकिन इसका हाल भी इन सभी फिल्मों जैसा ही हुआ।

तेलगु फिल्म पोस्टर (स्त्रोत: गूगल)

दूसरी इंडस्ट्री का क्या हाल है?

बॉलीवुड को छोड़ भी दें तो दूसरी फ़िल्म इंडस्ट्रीज़ जैसे तेलगु, पंजाबी, भोजपुरी, तमिल, बंगाली आदि का भी यही हाल है। शायद इससे भी बुरा। इंडियन एक्प्रेस की ही रिपोर्ट में फ़िल्म निर्माता श्रीधर रेड्डी कहते हैं कि ‘तेलगु फ़िल्म इंडस्ट्री ने इसबार गर्मियों में 400 करोड़ रुपये तक की कमाई का अनुमान लगाया था लेकिन अब ये मुश्किल है।’
वहीं एक्टिव फ़िल्म प्रोड्यूसर गिल्ड की प्रोड्यूसर दमू कनूरी कहती हैं कि, ‘गर्मियों में 3 बड़ी तेलगु फ़िल्म रिलीज़ होनी थी। अगर इनमें से एक का भी अच्छा रिस्पांस आता तो हम 350 करोड़ रुपये तक की कमाई का अनुमान लगाकर बैठे थे। लेकिन अब कोरोना महामारी के चलते सब कुछ पानी में मिल गया है’।
प्रोड्यूसर एसकेएन कहते हैं कि ‘1000 सीट वाले थिएटर में हर महीने में 10 लाख का नुकसान लोकडाउन की वजह से झेलना पड़ रहा है। नेटफ्लिक्स/हॉटस्टार/वूट जैसे ओटीटी प्लेटफार्म भी उन्हीं फिल्मों को खरीदना पसन्द करते हैं जो हिट होती हैं। लेकिन फिल्मों के रिलीज़ से पहले यह बताना बेहद मुश्किल है कि कौन-सी फ़िल्म दर्शकों को पसन्द आएगी और कौन-सी नहीं।’