बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत-चीन मुठभेड़ पर बयान दिया। इसमें कहा गया कि भारत और चीन की 6 जून को एक बैठक हुई थी, ताकि दोनों पक्षों की सहमति से सीमा टकराव को शांत किया जा सके। उसके बाद श्रीवास्तव ने कहा कि “15 जून, की शाम को, चीनी सैनिकों ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को लांघने की कोशिश की, परिणामस्वरूप हिंसक टकराव हुआ। दोनों देशों के सैनिकों को चोटें आईं। भारत सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए बातचीत के माध्यम से मतभेदों को सुलझाने में विश्वास रखता है।
16 जून की सुबह ही, भारतीय मीडिया ने पहली बार कश्मीर में लद्दाख के विवादित क्षेत्र में चीनी सैनिकों के साथ हुई हाथापाई में तीन भारतीय सैनिकों के शहीद होने की सूचना दी। इससे पहले भी सीमा क्षेत्र में तनातनी की खबरें दबे स्वर में ही सही पर आ रही थी। भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि “दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी वर्तमान में स्थिति को आसान बनाने के लिए बैठक कर रहे हैं”। लेकिन इसके अलावा कोई और विवरण नहीं दिया गया।
चीन का क्या कहना है?
बीबीसी चीन की एक रिपोर्ट के माध्यम से पता चलता है कि चीन के द्वारा दिए गए बयान में यह कहा गया है “15 जून की शाम को, चीन-भारतीय सीमा पर गलवान घाटी क्षेत्र में, भारतीय सेना ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल का उल्लंघन किया गया व अवैध गतिविधियां की गयी। जानबूझकर भारतीय सेना द्वारा एक उत्तेजक हमला शुरू किया गया, जिससे हाथापाई शुरू हुई।” चीनी बयान में यह भी कहा गया है कि “गलवान घाटी क्षेत्र हमेशा से हमारा रहा है। भारतीय सीमा रक्षा बलों ने दोनों देशों के बीच सीमा के मुद्दों पर समझौते का उल्लंघन करते हुए और आम सहमति का भी उल्लंघन किया है।”
中国与印度官方透过发言人形式,向外界披露了更多双方军队在西部边界克什米尔拉达克(Ladakh)争议地区发生流血冲突的细节。https://t.co/L6Lytcb5AO
— BBC News 中文 (@bbcchinese) June 16, 2020
हम भारतीय पक्ष से अग्रिम पंक्ति के सैनिकों को यह सब बन्द करने, सभी प्रकार के किये जा रहे उल्लंघन और भड़काऊ कार्यों को तुरंत रोकने के लिए कहते हैं। चीनी पक्ष मतभेदों को हल करने के लिए बातचीत और वार्ता ही चाहता है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता Zhao lijian ने भी भारत पर दोनों देशों द्वारा हुई सहमति का उल्लंघन करने और दो बार सीमा पार करने का आरोप लगाया है। चीन के सैनिकों को हमले के लिए उकसाया है और हमला किया है, जिससे कारण दोनों देश के सैनिकों के बीच हाथापाई हुई।”
(याद हो, आखिरी बार भारत और चीन 1975 में हताहत हुए सीमा पर भिड़ गए थे। पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल प्रदेश में एक दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्र में लड़ाई हुई थी।)
इस रिपोर्ट के मुताबिक एक भारतीय अधिकारी ने न्यूज़ एजेंसी एएफपी को बताया कि दोनों तरफ से कोई शूटिंग की घटना नहीं हुई। लेकिन शहीद हुए सैनिकों में एक कर्नल भी शामिल थे। भारतीय सेना ने अपने संशोधित बयान में उल्लेख किया कि “दोनों पक्ष जे सैनिक हताहत हुए हैं”, लेकिन अभी तक, चीन ने चीनी कर्मियों की स्थिति के बारे में जानकारी जारी नहीं की है।