प्रतीकात्मक तस्वीर

राहुल मिश्रा

वित्त मंत्रालय ने माना है की COVID-19 के कारण 2020-21 का आधिकारिक बजट अनुमान और आर्थिक वृद्धि का अनुमान और साथ ही साथ 2019-20 की आर्थिक समीक्षा अर्थहीन हो गई है। सरकार इस वैश्विक महामारी के सबसे बुरे दौर को देखने के बाद नए अनुमान जारी करेगी,जब इसके आर्थिक असर को लेकर स्थिति साफ़ हो जाएगी। अगर मौजूदा स्थिति को देखे तो यह जुलाई या उसके बाद कभी भी पेश किया जा सकता है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपनी विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर वित्त वर्ष 2021 के लिए 1.9 प्रतिशत रख दिया है। जबकि जनवरी में 5.8 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था और वही आर्थिक समीक्षा 2019-20 में वास्तविक जीडीपी में वृद्धि की दर 6 से 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। वर्ष 2020-21 के लिए जबकि कुल कर संग्रह का लक्ष्य 24.23 लाख करोड़ रूपये रहने का अनुमान लगाया गया था

COVID-19 के कारण ज्यादातर कॉर्पोरेट कंपनियों की कमाई घटी है। वहीं असंगठित क्षेत्र में भी आर्थिक गतिविधियां ठप्प पड़ी हुई है। ऐसे में अनुमानित राजस्व संग्रह के लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता है।