साभार: गूगल।

इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्च आयोग से दो भारतीय अधिकारी के लापता होने की खबर है। समाचार एजेंसी ANI के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है। सूत्रों ने बताया कि दोनों अधिकारी सुबह 8 बजे से गायब हैं। जानकारी यह मिल रही है कि दोनों अधिकारी किसी काम से उच्च आयोग से बाहर गए थे, उनके साथ केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के दो ड्राइवर के साथ बाहर निकले थे। वे लोग भी अभी तक वापस नहीं लौटे हैं । आशंका जताई जा रही है कि कहीं आईएसआई ने इनका अपहरण तो नहीं कर लिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय भी पाकिस्तान में स्थित भारतीय उच्चायोग के साथ संपर्क बनाए हुए है और साथ ही पूरी घटना की जानकारी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय तक पहुंचा दी गई है।

हालांकि, कुछ दिन पहले ही दिल्ली में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के दो अधिकारी आबिद हुसैन और ताहिर खान को जासूसी करते हुए पकड़ा गया था। जिसके तुरंत बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने उन दोनों अधिकारियों को देश छोड़ने के लिए कह दिया था। ये दोनों अधिकारी दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के वीजा सेक्शन में काम करते थे। इन दोनों अधिकारियों पर फर्जी आधार कार्ड और ISI के लिए जासूसी करने का आरोप था। भारत ने उन दोनों अधिकारियों की अवांछित गतिविधियों को गैर कानूनी और देश के खिलाफ माना था। जिसके बाद भारत सरकार ने पाक के राजदूत को आपत्ति पत्र जारी किया था। वहीं, पिछले कुछ समय से भारत पाकिस्तान संबंधों में तनाव गहराता ही जा रहा है। कुछ विशेषज्ञ भारतीय अधिकारियों के लापता होने को भी इस मामले से जोड़ कर देख रहे हैं, तो वहीं कुछ इसे बदला लेने वाला कदम मान रहे हैं।

अभी कुछ ही महीने पहले भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को पत्र लिखते हुए विरोध जताया था कि भारतीय अधिकारियों का इस्लामाबाद में उत्पीड़न किया जा रहा है और कई कर्मचारियों को पाकिस्तान के अधिकारियों द्वारा परेशान भी किया जा रहा है।ये पत्र भारतीय उच्चायोग ने भारतीय दूतावास के कार्यकारी उच्चायुक्त गौरव अहुलवालिया के साथ हुए उत्पीड़न की घटना के बाद लिखा था। कुछ समय पहले गौरव अहुलवलिया की कार का पीछा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक सदस्य ने किया था । इतना ही नहीं उनको परेशान करने के लिए गौरव पर नजर बनाए रखने के लिए और परेशान करने के लिए उनके आवास के बाहर ढेर सारे कारों और बाईकों को खड़ा कर दिया था। जिसके तुरंत बाद भारत उच्चायोग ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को पत्र लिखते हुए कहा कि इस घटना की तुरंत जांच हो और साथ ही संबंधित अधिकारियों को उपयुक्त निर्देश दिए जाएं, जिससे इस तरह की घटना की दोबारा ना हो।