स्टार किड होने के बावजूद वह एक आर्डिनरी बच्चे की तरह थे और उनके घरवाले सोचते थे कि इसे किसी जॉब में लगवा देंगे। वरुण एक फ़िल्म प्रमोशन में बताते हैं कि उन्होंने सिटी बैंक का इंटरव्यू देने का भी सोचा थे। लेकिन हालात ऐसे बने कि वह करण जोहर द्वारा फ़िल्म में ले लिए गए। और कहते हैं ना कि हार्डवर्क लीडस् टू दा डेस्टिनी। ‘स्टूडेंट ऑफ दा ईयर’ से अपने कैरियर की शुरुवात करने वाले वरुण धवन ने कई हिट फिल्में दी। वरुण धवन को 2014 से फोर्ब्स इंडिया में ‘टॉप 100 सेलिब्रिटी’ की लिस्ट में लगातार जगह मिली है। बचपन में वरुण ‘अपना चैनल’ चाहते थे:
24 अप्रैल 1987 को मुंबई में जन्मे वरुण धवन के पिता डेविड धवन मशहूर फिल्म निर्देशक हैं। उनके बड़े भाई हैं रोहित धवन भी फिल्म निर्देशक हैं। सीधे तौर पर कहा जाए तो वरुण का बचपन शुरू से ही फिल्मी माहौल और हीरो-हीरोइन के बीच ही गुज़रा है। हालांकि प्रत्यक्ष तौर पर उन्होंने अपने पिता से कभी नहीं कहा कि उन्हें एक्टिंग करनी है।
वरूण की शुरुआती पढ़ाई एच आर कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से हुई है इसके बाद उन्होंने यूके की नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी से बिजनेस मैनेजमेंट की डिग्री ली। वह शुरुआत से ही दोस्तों के ग्रुप में रहने वाले और दोस्तों से घिरे रहने वाले व्यक्ति हैं। एक टॉक शो में वरुण कहते हैं कि ‘जैसे हर ग्रुप का एक जोकर होता है, जो सबको हँसाता है, जो सबकी जान होता है। मैं बस यही ग्रुप की ‘जान’ बनना चाहता हूँ। जो सबको हंसाता रहे।’
करियर की शुरुआत:
वरूण ने अपने ऐक्टिंग करियर की शुरुआत फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ से की थी। जिसे निर्देशित ‘करण जोहर’ ने किया था। जिसमें उनके काम की काफी प्रशंसा हुई थी। आलोचकों के साथ साथ जनता ने भी उन्हें काफी सराहा था। हालांकि वरुण बताते हैं कि उनका बचपन में सपना था कि उनका अपना एक चैनल हो जिसमें वह स्टैंड-अप कॉमेडी करें और टॉक शो करवाएं। हसमुख मिज़ाज़ के वरुण को गोविंदा, महमूद साहब, जिम कैरी जैसे सेलेब्रिटीज़ का क्रेज है।
स्टूडेंट ऑफ दा ईयर की ग्रैंड सक्सेस के बाद वरुण ने एक से बढ़कर एक दमदार फिल्में की। इनमें में अधिकतर फिल्में कॉमेडीस को फोकस करके बनाई गयी थी। इन फिल्मों में दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। वरुण की अब तक की बेहतरीन फिल्में स्टूडेंट ऑफ द इयर, मैं तेरा हीरो, हम्प्टी शर्मा की दुल्हनियां, बदलापुर, एबीसीडी 2, दिलवाले, जुड़वा 2, सूई धागा, और कलंक जैसी आदि फिल्में हैं।
एक समय में वरुण ने ‘धोबी घाट’ के लिए भी इंटरव्यू दिया था आपको याद होगा ये किरण की फ़िल्म थी। इसके बाद उन्होंने ‘लाइफ ऑफ पाई’ का भी ऑडिशन दिया था लेकिन कुछ बात बनी नहीं। पिता डेविड बताते हैं कि धोबी घाट में ऑडिशन की बात खुद वरुण ने घर में नहीं बताई थी। बल्कि फ़िल्म के ही किसी ने उन्हे फ़ोन कर कहा था कि ‘आपका बेटा ऑडिशन के लिए आया था’। वरुण हंसी मजाक में कहते हैं कि ‘मझे लगता है कि ये पापा की चाल थी कि मैं फ़िल्म के लिये ट्राय न करूँ, क्योंकि उन्हें लगता था कि मैं अभी तैयार नहीं हूँ’।
लेकिन सिद्धार्थ मल्होत्रा, अर्जुन कपूर आदि नए दौर के कलाकारों में वे काफी प्रतिभाशाली अभिनेता माने जाते हैं। ये शायद कम ही लोगों को पता है कि पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में करण जौहर के साथ फिल्म ‘माइ नेम इज खान’ में काम किया था।
वरुण के अवार्ड्स की लिस्ट में आइफा अवार्ड, स्टार स्क्रीन अवार्ड, स्टाररेड अवार्ड आदि शामिल हैं।
वरुण का हाल-ए-दिल:
वरुण ने इंडस्ट्री में आते ही बॉलीवुड के चॉकलेटी बॉय की इमेज बना ली थी। लड़कियों के दिल के साथ साथ वरुण अपने फैंस के दिलों पर भी राज करते हैं। लेकिन, वरुण का दिल उनकी बचपन की दोस्त नताशा दलाल के पास है। हालांकि उन दोनों में से किसी ने भी ऑफिशयली यह एग्री नहीं किया है कि वह दोनों रिलेशनशिप में हैं। नताशा दलाल एक फैशन डिज़ाइनर हैं। और वरुण बताते हैं कि ‘वह काफी सिंपल लड़की हैं, और सिंपल लाइफ चाहती हैं। इसलिए मैं नहीं चाहता उसपर कोई भी मुश्किल आये। वह लाइमलाइट से दूर रहना चाहती है। और मैं उसे प्रोटेक्ट करता हूँ।’
खैर, दोनों की लव स्टोरी कैसे शुरू हुई ये तो कोई नहीं जानता। बस इतना बताया जाता है कि वरुण और नताशा बचपन के दोस्त हैं। ये दोनों बचपन से ही एक-दूसरे को जानते थे। बीच में कुछ सालों का गैप होने कर कारण जब एक बार फिर ये दोनों मिले तो दोनों ने अपना हाल-ए-दिल कह डाला और तभी से दोनों साथ हैं।
नरगिस को कर दिया था बेहोश:
वरुण बॉलीवुड में अपने प्रैंक की वजह से भी जाने जाते हैं। ‘मैं तेरा हीरो’ की शूटिंग के वक़्त वरुण ने अपनी को-एक्टर नरगिस के साथ एक गैंगस्टर वाला प्रैंक किया था जिसके कारण वह बेहोश हो गयी थी। वह बताते हैं कि उन्होंने यह प्रैंक उन्हें बस डराने के लिए किया था। जब मास्क पहने कुछ लोगों ने उनके तरह गन पॉइंट की तो वह बेहोश हो गयी। और जब वरुण उनको देखने गए तो वह उस वक़्त कांप रही थी। जिसके बाद वरुण को काफी बुरा लगा था।
‘जैसे हर ग्रुप का एक जोकर होता है, जो सबको हँसाता है, जो सबकी जान होता है। मैं बस यही ग्रुप की ‘जान’ बनना चाहता हूँ। जो सबको हंसाता रहे।’