विद्या शर्मा
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा से जुड़े मामले में बड़ा फैसला सुनाया। जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर तक दिल्ली वि.वि के अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने पर मुहर लगा दी है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर किसी राज्य को लगता है कि उनके लिए परीक्षा कराना मुमकिन नहीं है तो वह यू जी सी के पास जा सकता है और समय बढ़ाने की माँग कर सकता है।
18 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द करने की याचिका पर अपने फैसले को सुरक्षित रख था। जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा था कि क्या यू जी सी के आदेश और निर्देश में सरकार दखल दे सकती है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि छात्रों का हित किसमें है? ये छात्र तय नहीं कर सकते, इसके लिए वैधानिक संस्था है। छात्र यह सब तय करने के काबिल नहीं है।
मई में विश्वविद्यालय के कुलपतियों को महाराष्ट्र सरकार द्वारा बैठक के लिए बुलाया गया। जिसमें यह फैसला लिया कि पहले व दूसरे वर्ष के छात्रों को पास किया जा सकता है पर अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए परीक्षा देने ज़रूरी है। फिर चाहे वह ऑफलाइन कराई जाए या ऑनलाइन। इस से पहले राजस्थान, महाराष्ट्र और हरियाणा समेत 15 राज्यों से भी यह माँग की थी कि सभी को पास कर दिया जाए।