रोटी, कपड़ा और मकान, हर इंसान और हर परिवार की जरूरत होती है। इंसान की आधी से ज्यादा जिंदगी इन चीजों को सुनिश्चित करने में ही बीत जाती है। ऐसे में अगर उसे इन चीजों को पूरा करने के लिए थोड़ी सी भी मदद मिल जाए तो आगे का रास्ता आसान हो जाता है। तृणमूल कांग्रेस ने इन तीन चीजों को सुनिश्चित करने के लिए गोवा में विधानसभा चुनाव से पहले तीन महत्वपूर्ण योजनाएं लॉन्च की हैं। टीएमसी का कहना है कि वह गोवा में सरकार बनाने के बाद कुछ ही महीनों के भीतर लोगों तक इन योजनाओं का लाभ पहुंचाना शुरू कर देगी। गोवा में चुनाव से पहले टीएमसी ने जनता से तीन वादे किए हैं- ‘गृहलक्ष्मी कार्ड’, ‘युवा शक्ति कार्ड’ और ‘म्हाजे घर, मालकी हक।’
गृहलक्ष्मी कार्ड यानी सशक्त महिला
गोवा टीएमसी ने गृहलक्ष्मी कार्ड नाम से अपनी पहली योजना लॉन्च की है। इस योजना के मुताबिक, हर परिवार की एक महिला को 5,000 रुपये महीने दिए जाएंगे। इस हिसाब से एक परिवार की साल में 60 हजार रुपये की एक निश्चित आमदनी होगी। चूंकि इस योजना का लाभ लोगों को गोवा में टीएमसी की सरकार बनने के बाद मिलेगा, इसलिए 5 साल के कार्यकाल के दौरान एक परिवार को करीब तीन लाख रुपये तक मिलने की गुंजाइश होगी। योजना की खास बात यह है कि इसके लिए किसी तरह की बाध्यता नहीं है। गोवा में रहने वाले किसी भी परिवार की एक महिला को इसका लाभ मिलेगा। गोवा टीएमसी की प्रभारी महुआ मोइत्रा कहती हैं, ‘परिवार की महिला के हाथ में जो पैसा सीधे जाएगा, वही पैसा खरीदारी के जरिए वापस मार्केट में आयेगा। इससे न सिर्फ परिवार की जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।’
युवा शक्ति कार्ड यानी सशक्त युवा
टीएमसी ने गोवा के लिए जो दूसरी योजना लॉन्च की है, उसका नाम है- युवा शक्ति कार्ड। इस योजना के तहत युवाओं को 20 लाख रुपये तक क्रेडिट दिया जाएगा जिससे वह अपना कोई बिजनेस शुरू कर सकें। इस क्रेडिट पर महज 4 फीसदी की मामूली दर से ब्याज देना होगा। टीएमसी की इस योजना का लाभ 18 से 45 साल तक के लोग ले सकेंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि टीएमसी की यह योजना यूनिवर्सल होगी यानी इसका लाभ लेने के लिए किसी तरह की विशेष पात्रता जरूरत नहीं है। 18 से 45 साल तक की उम्र का कोई भी व्यक्ति इस योजना का लाभ ले सकता है। दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि इस क्रेडिट के लिए लाभार्थी को किसी तरह की संपत्ति गिरवी रखने की जरूरत नहीं होगी। जिसका सीधा मतलब है कि एक युवा बिना किसी जिझक के योजना का लाभ लेकर अपना काम शुरू कर सकेगा।
म्हाजे घर, मालकी हक यानी मेरा घर, मेरा हक
रोटी और कपड़े के बाद इंसान की तीसरी जरूरत मकान की होती है। गोवा टीएमसी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ है। इसलिए बीते मंगलवार को टीएमसी ने गोवा में अपने तीसरे वादे के तहत एक और योजना लॉन्च की है जिसका नाम है- ‘म्हाजे घर, मालकी हक।’ इस योजना के तहत साल 1976 के पहले से गोवा में रहने वाले परिवारों को उनकी जमीन का मालिकाना हक दिलाया जाएगा। इसके लिए जिस तरह की भी कागजी कार्यवाही की जरूरत होगी, सरकार बनने के बाद उसका जिम्मा टीएमसी उठाएगी। इसके अलावा करीब 50,000 बेघर परिवारों को सब्सि़डी के तहत घर भी मुहैया कराने की योजना है। रिसर्च के मुताबिक, गोवा में रहने वाले करीब 60 फीसदी जनता के पास उनके घर या जमीन का मालिकाना हक नहीं है। वहीं, करीब 50,000 परिवार ऐसे हैं जिनके पास अपना घर भी नहीं है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि गोवा टीएमसी की यह घोषणा कितनी बड़ी है। टीएमसी के राज्यसभा सांसद लुइजिन फालेरो ने योजना की लॉन्चिंग के वक्त कहा भी था कि हम गोवा के लोगों के लिए जो करने का प्रयास कर रहे हैं, यह कोई एहसान नहीं है, बल्कि उनका संवैधानिक अधिकार है।
सिर्फ व्यक्ति नहीं परिवार को भी सशक्त करने की पहल
एक परिवार के सशक्त होने के लिए उनके बुनियादी जरूरतों का पूरा होना बेहद जरूरी है। चुनाव पूर्व टीएमसी के ये तीनों वादों उसी दिशा में एक पहल हैं। अगर किसी परिवार की महिला के पास हर महीने 5 हजार रुपये आते हैं, परिवार में के किसी व्यक्ति को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए लाखों की आर्थिक मदद मिल जाती है और आखिर में उसे घर या घर का मालिकाना हक दिला दिया जाता है, तो इससे बेहतर भला क्या ही हो सकता है। तृणमूल कांग्रेस का भी कहना है कि हमारा प्रयास है कि सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा परिवार सशक्त होना चाहिए, तभी समाज में खुशहाली आ सकती है। टीएमसी की सभी योजनाएं अपने आप में एक बड़ा दृष्टिकोण रखती हैं, लेकिन यहां एक पेच है कि इन योजनाओं को अमल में तभी लाया जा सकेगा जब 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद गोवा में टीएमसी की सरकार बनती है। ऐसे में यह देखना बेहद दिलचल्प होगा कि गोवा के लोग टीएमसी के इन वादों पर कितना यकीन करते हैं।