शाम्भवी शुक्ला
बिहार में बाढ़ का कहर और गहराता जा रहा है। गंडक के अलावा कोसी, बागमती, महानंदा भी अपना रौद्र रूप दिखा रही है। नदियों में तेजी से पानी बढ़ने के कारण जगह-जगह पर बांध के टूटने की घटना सामने आ रही है।
इसी बीच एक बड़ी घटना मंगलवार को सामने आई। एक तरफ पानी में डूबने से 10 लोगों की जान चली गई। वही बांका जिले में व्रजपार्क से एक की मौत हो गई। इसमें पूर्वी चंपारण के छह, समस्तीपुर के दो, गोपालगंज और छपरा के एक-एक लोग शामिल हैं। दरभंगा में बाढ़ का प्रकोप पुलिस थाने तक पहुंच गया है थाने में पुलिस वालों की जगह साफ करते नजर आ रहे हैं। असम के हाल से तो हम सब परिचित ही हैं। असम में बाढ़ ने घोर तबाही मचा रखी है वहीं अब बिहार में भी बाढ़ के बुरे संकेत ही हैं।
एक तरफ बाढ़ है दूसरी तरफ कई जगह बांध और तटबंध टूटने की घटना और भी भयावह है। पश्चिम चंपारण के मझौलिया में कोहड़ा नदी में बढ़ते पानी से तटबंध टूट गया। जिसके कारण 300 घरों में पानी घुस गया। वही बूढ़ी गंडक ने रिंग बांध तोड़ बंदरा प्रखंड में तबाही मचा दी है।
नदियों में तेज उफान और बाढ़ के हालात के कारण समस्तीपुर का रेलखंड भी प्रभावित है। समस्तीपुर दरभंगा और सुगौली मझौलिया रेलखंड में ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह से ठप है।
एक तरफ देश कोरोना की महामारी से लड़ने में अस्त व्यस्त है वहीं दूसरी तरफ बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा गरीबी में आटा गीला जैसा है।