उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने CAG परिसर में बाबा साहब डॉ. बी.आर.अम्बेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया. इस अवसर पर उन्होंने डॉ.अम्बेडकर को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए कहा कि डॉ.अम्बेडकर बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. एक दूरदृष्टा राजनेता,एक प्रखर विद्वान,प्रबुद्ध विद्वान,प्रबुद्ध विधेवेत्ता,अर्थशास्त्री,लेखक,समाज सुधारक तथा उदार मानवतावदी थे. उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज हमारे संविधान की गणना विश्व के सबसे बड़े देशों के विधानों में होती है,भारत के संविधान के निर्माण में डॉ.अम्बेडकर के महत्वपूर्ण योगदान तथा विषम परिस्थितियों में देश का मार्गदर्शन करने के लिए,राष्ट्र उनके प्रति सदैव कृतज्ञ रहेगा.
मुझे विश्वास है कि,
आज बाबा साहब की इस प्रतिमा के अनावरण के बाद, यह प्रतिमा, एक संस्थान के रूप में CAG का मार्गदर्शन करती रहेगी …
और आपके लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगी।सदैव की तरह
बाबा साहब,
प्रकाश स्तंभ की तरह मार्गदर्शन करते रहें! #DrAmbedkar #CAG pic.twitter.com/5ewLLD4253— Vice President of India (@VPSecretariat) July 22, 2020
उन्होंने कहा कि देश के सभी नागरिकों को संविधान की मर्यादाओं के निर्वहन के लिए निरंतर अभीष्ट प्रयास करते रहने का आग्रह किया. उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज भी हमारा संविधान हमारे लिए एक पवित्र ग्रंथ है,राष्ट्रीय जीवन के हर मुद्दे पर एक प्रकाश स्तंभ की तरह हमारा मार्गदर्शन करता है.
उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा हमारे इस महान नायक के आदर्शों और विचारों का स्मरण दिलाती रहेगी,उनकी शिक्षा से भावी पीढ़ियों का मार्गदर्शन करती रहेगी,वे विचार जो आज भी हमको दिशा दिखलाते हैं,यही इस प्रतिमा की स्थापना का उद्देश्य भी है.
उपराष्ट्रपति ने CAG को स्वतंत्र और विश्वसनीय संस्था के रुप में काम करने के लिए अभिनंदन किया. उन्होंने कहा कि आज CAG की प्रतिष्ठा एक स्वतंत्र और विश्वसनीय संस्था के रुप में स्थापति है और इसका श्रेय हमारे संविधान निर्माताओं को जाता है,विशेषकर डॉ.अम्बेडकर को. स्वतंत्रता तथ्यों पर आधारित निष्पक्ष वस्तुनिष्ठता,उपलब्ध तथ्यों के प्रति निष्ठा,विश्वसनीय,पारदर्शिता,प्रोफेशनल कौशल उत्कृष्टता के गुण जो आज CAG की पहचान हैं, इन गुणों की प्ररेणा डॉ.अम्बेडकर के जीवन और आदर्शों से ही प्राप्त हुई है.
उन्होंने कहा कि CAG द्वारा 2022 तक अपने कार्यालय को पेपर मुक्त बनाने के लक्ष्य की सराहाना की. उन्होंने CAG की रिपोर्टों तथा उनके आधार पर विधाई निकायों और उनकी समितियों में हुए विर्मश परिणामों,शासकीय प्रणाली आए में बदलावों और सरकारी पद्धतियों में आई प्रभाव के लिए CAG को श्रेय दिया.