वर्धा,(महाराष्ट्र): कोरोना-19 वैश्विक महामारी से बचाव के लिए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के अपर्णेश शुक्ल ने पूर्णत: स्वचालित यंत्र नर्सिंग रोबोट का निर्माण किया है। यह स्वचालित नर्सिंग रोबोट सामाजिक तथा शारीरिक दूरी बनाते हुए मरीजों को आवश्यकता की लगभग समस्त सामग्री पहुँचा सकता है। यह रोबोट लगभग 13 किलो वजन का यह यंत्र 25 किलो वजन की सामग्री रोगी तक पहुँचा सकता है।
अत्यंत कम लागत पर बना यह यंत्र कोरोना महामारी के संकट में बड़ी और महत्वपूर्ण राहत देने वाला साबित हो सकता है। उपजिलाधिकारी कोरडे ने इसे एक बड़ी उपलब्धि करार देते हुए कहा कि “इस प्रकार का यंत्र प्राप्त होने वाला वर्धा जिला बना है। कोरोना के रोगियों का इलाज करने में यह यंत्र बहुत ही उपयोगी साबित होगा। रोगी के पास न जाकर उसका इलाज करने और उसे आवश्यक सामग्री देने के लिए यह यंत्र सचमुच में स्वास्थ्य दूत साबित होगा।” इस रोबोट को जिला सामान्य अस्पताल को नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया है।
अपर्णेश ग्वालियर में एमबीए कर रहे हैं तथा होली के अवकाश में अपने परिवार के बीच त्यौहार मनाने आये थे। इसी बीच लॉकडाउन हो जाने के कारण उन्हें विश्वविद्यालय में ही रुकना पड़ा।
इस यंत्र के संदर्भ में श्री अपर्णेश शुक्ल ने बताया कि भविष्य में इसे 360 डिग्री कैमरा, सेंसर तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का इस्तेमाल करते हुए और अत्याधुनिक बनाया जाएगा।